चीन की महान दीवार: दुनिया की सबसे लंबी दीवार
चीन की महान दीवार (Great Wall of China) दुनिया की सबसे लंबी दीवार है और इसे मानव निर्मित सबसे अद्भुत संरचनाओं में से एक माना जाता है। यह दीवार चीन के सम्राटों द्वारा सदियों तक हमलावरों से देश की रक्षा करने के लिए बनाई गई थी। इसकी लंबाई लगभग 21,196 किलोमीटर (13,171 मील) है, जो इसे विश्व धरोहर में एक अनूठा स्थान प्रदान करती है।
इतिहास और निर्माण
इस दीवार का निर्माण मुख्य रूप से 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व में शुरू हुआ था और विभिन्न राजवंशों द्वारा इसे आगे बढ़ाया गया। किंशि हुआंग (Qin Shi Huang) के शासनकाल में 220-206 ईसा पूर्व के दौरान इस दीवार का महत्वपूर्ण विस्तार किया गया। बाद में, मिंग राजवंश (1368-1644) ने इसे और अधिक मजबूत और संगठित रूप से विकसित किया।
महत्व और उद्देश्य
इस दीवार का मुख्य उद्देश्य चीन को बाहरी आक्रमणों से बचाना था, विशेष रूप से मंगोल और तुर्की आक्रमणकारियों से। यह एक रक्षा कवच की तरह कार्य करती थी और इसमें प्रहरीदुर्ग, चौकियां और सैनिकों के लिए रहने की जगहें बनाई गई थीं।
आर्किटेक्चर और संरचना
महान दीवार मुख्य रूप से ईंटों, पत्थरों, लकड़ी और मिट्टी से बनी हुई है। इसकी चौड़ाई और ऊँचाई स्थान के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। कुछ भाग इतने चौड़े हैं कि उन पर घुड़सवारी भी की जा सकती है।
आज का महत्त्व
आज, महान दीवार दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र है। 1987 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। यह चीन की सांस्कृतिक पहचान और गौरव का प्रतीक है।
रोचक तथ्य
- यह दीवार इतनी लंबी है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है, यह एक प्रचलित किंवदंती है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे मिथक बताया है।
- यह दीवार चीन के 15 से अधिक प्रांतों और नगरों से होकर गुजरती है।
- निर्माण कार्य में लाखों मजदूरों, सैनिकों और कैदियों ने भाग लिया था।
निष्कर्ष
चीन की महान दीवार केवल एक रक्षात्मक संरचना नहीं, बल्कि मानव सभ्यता और स्थापत्य कला की महानतम उपलब्धियों में से एक है। यह चीन की संस्कृति, इतिहास और वास्तुकला का एक जीवंत प्रमाण है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।