हिंसक होने का एक कारण प्रदुषण भी
प्रदूषण का असर लोगों के फेफड़े पर ही नहीं बलि उनके दिमाग पर भी होता है। कई देशों में हुए अलग अलग सर्च ऐसा दावा कर चुकी हैं । सबसे ताज़ा रिसर्च अमेरिका की कोलरेडो और मिनेसोटा यूनिवर्सिटी जिसमे दावा किया गया है की अमेरिका में बढे अपराधों के पीछे प्रदूषण भी एक वजह है। रिसर्च करने वाली टीम ने पीएम २।५ ओज़ोन और सल्फर डाई ऑक्साइड गैस बढ़ने के अलग अलग असर रिपोर्ट में बताएं हैं लेकिन देखने वाली बात रिसर्च के नतीजों में ये है की हवा जहरीली होते ही अपराध भी बढ़ने लगते हैं जिसका सीधा कारण ये है की प्रदुषण की वजह से दिमाग ज़्यादा आक्रामक और हिंसक हो जाता है और ये कोई पहली रिसर्च नहीं है जिसमे अपराध और प्रदुषण के बीच सीधा कनेक्शन बताया गया है इससे पहले भी प्रदुषण बढ़ने पर अपराध बढ़ने के दावा करने वाली कई रिसर्च सामने आ चुकी हैं जिनमे एक रिसर्च तो शंघाई की भी है शंघाई में प्रदुषण बढ़ने के असर ये हुआ की बड़ी संख्या में युवाओं को मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ा। लॉस अंजलिश में भी जब प्रदुषण का स्तर बढ़ा तो बड़ी संख्या में युवाओं के अपराधों में शामिल होने की घंटनाये सामने आने लगी और प्रदुषण बढ़ने पर कुछ ऐसा ही असर दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा चूका है। जब लोग ज़हरीली हवा में साँस लेने के बाद ज़्यादा गुस्सैल हो जाते हैं। लेकिन इसबार हुए रिसर्च में इसके वैज्ञानिक कारण भी बताये गए हैं। रिसर्च में दावा किया गया है की प्रदुषण बढ़ने का सीधा असर शरीर में बनने वाले हार्मोन पर पड़ता है। इसमें एक स्ट्रेस हार्मोन कैटेजोल है। ये वो हार्मोन है जिसकी वज़ह से दिमाग में स्ट्रेस यानि दिमाग की नसों पर दबाव पड़ता है लेकिन ज़हरीली हवा में साँस लेने पर कैटेजोल सामान्य से ज़्यादा तेज़ी से बढ़ने लगता है। जिससे लोगं ज़्यादा आक्रामक और हिंसक हो जाते हैं। आम तौर पर गुस्सा आने पर दिमाग में उसके नतीजे भी आते हैं यानी दिमाग इंसान को ये बताता है है कि अगर वो कोई हिंसक कदम उठाया तो उसके नतीजे क्या हो सकते हैं लेकिन स्ट्रेस हार्मोन कैटेजोल के बढ़ने के बाद इंसान इतना आक्रामक हो जाता है कि नतीजों का अंदाज़ा भी नहीं लगा पता इसलिए हिंसा और अपराध कि घटनाये बढ़ने लगती हैं लोगों में चिड़चिड़ा पैन और छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करने कि आदत बढ़ने लगती है।Submit your review | |
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